शुभकामनाएं Published on 24/10/2018 in poems by Vandana Rai प्रिय आकाश, शुभकामनाएं प्रकाश नवल, आकाश नवल, जीवन पथ का हर मार्ग नवल, प्रतिपल परिवर्तित जीवन का, हर गान नवल, हर मान नवल, गुंजित हो सभी दिशाओं सें, वरदान नवल प्रतिदान नवल। तुम्हारी मांँ Keep Reading Share This No comments Facebook Twitter Google Pinterest Linked In You might be interested in जिज्जी A stort about society marriage system चाहत मिस्टर बागची रोज़ की तरह भ्रमण के लिए निकले, तो एक छोटा मरियल सा पिल्ला उनके पीछे-पीछे चलता हुआ न चंद शेर……! फुर्सत के लिए फुर्सत, तो निकालो यारों! जब वक्त निकल जाएगा, तो खाक मिलेंगे।। हम वैसे तो दुनिया के रवायत
चाहत मिस्टर बागची रोज़ की तरह भ्रमण के लिए निकले, तो एक छोटा मरियल सा पिल्ला उनके पीछे-पीछे चलता हुआ न
चंद शेर……! फुर्सत के लिए फुर्सत, तो निकालो यारों! जब वक्त निकल जाएगा, तो खाक मिलेंगे।। हम वैसे तो दुनिया के रवायत