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बीती बातें

in poems

याद आती हैं, बीती बातें, खट्टी मीठी कड़वी यादें, जीवन में आगे बढ़ते भी, छूट कहां पाती हैं यादें। प्रासंगिक होता जाता है, अनुभव के दरिया में उतरना, सार रहित होता जाता है, चकाचौंध के बीच गुजरना। जीवन के हर पल में कुछ तो, मर्म छुपा होता है,इन्हें समझना, आगे बढ़ना, व्यर्थ कहां होता है?…

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भूली बिसरी बातें

in poems

इतने दिनों के बाद मिले हो, कुछ भूली बिसरी बात करो, कुछ अपनी कहो, कुछ मेरी सुनो, कुछ अपनेपन की बात करो, सदियाँ बीती,अर्सा गुजरा, फिर भी तुम बिल्कुल वैसे हो, कुछ शरद शिशिर की बात करो, कुछ ग्रीष्म ऋतु की बात करो, बारिश से गीली सड़को पर, वो नाव चलाना याद करो, गुल्ली डंडो…

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दोस्त

in poems

रूठने पर तुम हमको मनाया करो, बात अपने दिल की सुनाया करो, तुम्हारी खन खन हँसी ही मेरा गीत है, तेरे जीवन की धुन ही मेरा मीत है, चोट अपनी न हमसे छिपाया करो, बात जो भी हो, वो तुम बताया करो, माना कि कुछ ना कहना बड़ी बात है, पर दर्द की दवा न…

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